Drug Smuggling: दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने नशे के खिलाफ अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। उपराज्यपाल के निर्देशानुसार चलाए जा रहे नशामुक्त दिल्ली अभियान के तहत पुलिस ने 19 अगस्त 2025 को राजधानी में सक्रिय एक कुख्यात ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग दो करोड़ रुपये कीमत की 446 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाली स्मैक/हेरोइन बरामद की गई।
अपराध शाखा की एनआर-II टीम ने सहायक पुलिस आयुक्त नरेंद्र बेनीवाल की देखरेख और निरीक्षक संदीप स्वामी के नेतृत्व में इस छापेमारी को अंजाम दिया। टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि दिल्ली में सक्रिय ड्रग तस्कर सौरव उर्फ आर्यन स्मैक की सप्लाई करने वाला है। मुखबिर की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने जाल बिछाया और आरोपी सौरव (उम्र 29), निवासी हरदेव नगर, बुराड़ी, को दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 446 ग्राम स्मैक बरामद हुई, जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 2 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 के तहत एफआईआर संख्या 219/25 अपराध शाखा थाने में दर्ज की गई। जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने इस ड्रग सिंडिकेट की सरगना सुरेखा उर्फ शन्नो (उम्र 40), निवासी उत्तम नगर, को 21 अगस्त 2025 को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वही सौरव को लगातार स्मैक सप्लाई करती थी।
पुलिस जांच से यह भी सामने आया कि दोनों आरोपी पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। सौरव उर्फ आर्यन सातवीं कक्षा तक पढ़ा है और अतीत में मंगोलपुरी क्षेत्र में स्नैचिंग, सागरपुर और किराड़ी में अवैध शराब तस्करी जैसे मामलों में पकड़ा जा चुका है। शादी के बाद उसने ऑटो-रिक्शा चलाना शुरू किया लेकिन कुछ महीनों पहले शन्नो के संपर्क में आकर फिर से नशे के धंधे में उतर गया।
दूसरी ओर, सुरेखा उर्फ शन्नो महज पांचवीं कक्षा तक पढ़ी है और लंबे समय से अवैध शराब, गांजा और चरस बेचने में शामिल रही है। उसके खिलाफ एनडीपीएस और आबकारी अधिनियम के तहत 16 मामले दर्ज हैं। 2022 में भी पुलिस ने उसे स्मैक बेचते पकड़ा था, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने बेटे आकाश के साथ मिलकर फिर से कारोबार शुरू कर दिया और सौरव जैसे युवाओं को इस धंधे में धकेलने लगी।
पुलिस का मानना है कि यह गिरोह दिल्ली और आसपास के इलाकों में बड़ी मात्रा में स्मैक सप्लाई करने का काम करता था। लगातार निगरानी और खुफिया इनपुट के आधार पर ही इस नेटवर्क को तोड़ा जा सका। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि ड्रग सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके।
इस सफल अभियान से एक बार फिर साफ हो गया है कि दिल्ली पुलिस नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है और राजधानी को नशामुक्त बनाने के लिए लगातार बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है।


