नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra Uttar Pradesh) में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। उस समय ऐसा लगता था कि सीएम योगी ने ये नारा देकर विरोधियों (Opposition) को बड़ा मौका दे दिया है और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है, लेकिन यही नारा अब बीजेपी के लिए चुनावी नारा बन गया है। जिस हार्डकोर हिंदुत्व (Hardcore Hindutava) की राजनीती CM योगी करते हैं, उसे अब महाराष्ट्र (Maharashtra) और झारखण्ड (Jharkhand) में होनेवाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में बीजेपी (BJP) इस नारे के सहारे जमकर भुना रही है।
झारखंड में इन दिनों बांग्लादेशियों की घुसपैठ (infiltration of bangladeshis) का मुद्दा छाया हुआ है। इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि विपक्ष के नेता इस पर खुलकर बोलते हुए नजर नहीं आते हैं। वहीं, बीजेपी का आरोप है कि बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से झारखंड के कई इलाकों में डेमोग्राफी तक बदल गई है और सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए परेशानी पैदा हो रही है। बता दें कि झारखंड के कई इलाकों में हालिया कुछ महीनों में सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला है और यही वजह है कि योगी का ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा जनता के दिलो-दिमाग में उतरता जा रहा है।
आखिर योगी आदित्यनाथ ने नारे से विपक्ष में हलचल क्यों मची है? इसका सीधा सा जवाब हरियाणा में हाल ही में संपन्न हुआ विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) हो सकता है। योगी के इस नारे ने हरियाणा में निश्चित तौर पर हलचल मचाई थी और बीजेपी को एक हारी हुई बाजी जीतने में अपना योगदान दिया था। जब योगी ने झारखंड की अपनी हालिया चुनावी सभाओं में सोरेन की सरकार के करप्शन, माफिया को संरक्षण, लव जिहाद, लैंड जिहाद और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया तो जनता ने उनका समर्थन किया। लेकिन इन सभाओं में सबसे ज्यादा तालियां ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे पर बजीं। सियासी जानकारों का मानना है कि इस नारे पर लोगों का रिएक्शन देखकर ही विपक्ष में हलचल मची है।
योगी का ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र में भी खूब छाया हुआ है। बीजेपी के तमाम नेता ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा लगा रहे हैं और लोगों से एकजुट रहकर वोट करने को कह रहे हैं। बीजेपी के नेताओं को लगता है कि मुसलमान तो एकमुश्त होकर उनकी पार्टी के खिलाफ वोट देते हैं, लेकिन हिंदू समाज जातियों में बंट जाता है और इसका फायदा पार्टी के विरोधी उठाते हैं। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनाव में हिंदू समुदाय के लोगों को बार-बार याद दिला रहे हैं कि अगर जातियों में बंटे तो फिर वैसा ही खतरा आ जाएगा जैसा बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ आया।