Mobile Number Verification: मोबाइल नंबर सत्यापन पर केंद्र सरकार की नई पहल: साइबर सुरक्षा को मिलेगी नई मजबूती
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
भारत सरकार की ओर से मोबाइल नंबर सत्यापन (Mobile Number Verification – MNV) को लेकर एक निर्णायक और दूरदर्शी कदम उठाया गया है। यह पहल सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं बल्कि डिजिटल पहचान की बुनियाद में भरोसे को फिर से स्थापित करने का प्रयास है। संचार मंत्रालय (DoT) द्वारा प्रस्तावित MNV प्लेटफ़ॉर्म और TIUE (Trusted Identity User Entity) मॉडल देश में साइबर सुरक्षा की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत करता है।
आज की डिजिटल दुनिया में “भरोसा” अब कोई दीवार पर टंगी बात नहीं, बल्कि एक संरचित व्यवस्था की मांग करता है — और यही इस प्रस्तावित बदलाव का मूल है। भारत की यह पहल स्पष्ट संदेश देती है: “भरोसा थोप कर नहीं, अर्जित किया जाता है।” अब मोबाइल नंबर सिर्फ एक संख्यात्मक पहचान नहीं, बल्कि डिजिटल लेन-देन और उपभोक्ता सुरक्षा का प्रवेश द्वार बन चुका है।
प्रस्तावित मसौदा नियम, जो 24 जून 2025 को अधिसूचित किए गए हैं, एक केंद्रीकृत MNV प्लेटफ़ॉर्म की परिकल्पना करता है, जहाँ हर मोबाइल नंबर को ग्राहक पंजीकरण या लेनदेन से पहले सत्यापित किया जाएगा। बैंक, फिनटेक कंपनियाँ, ऐप्स और अन्य सेवाएं जो मोबाइल नंबर से जुड़ी हैं, उन्हें अब TIUE के रूप में कार्य करना होगा — यानी, भरोसेमंद डिजिटल पहचान प्रदाता के रूप में।
इस प्रक्रिया में श्रेणीबद्ध शुल्क भी निर्धारित किया गया है: सरकारी संस्थानों के लिए ₹1.50 प्रति अनुरोध और निजी संस्थानों के लिए ₹3 प्रति अनुरोध। यह संरचना इस बात को सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में संतुलन बना रहे।
सबसे अहम बदलावों में से एक है प्रवर्तन एजेंसियों को दिए गए विस्तारित अधिकार। उन्हें अब अधिकार होगा कि वे किसी भी संदिग्ध मोबाइल नंबर को 90 दिनों तक निलंबित कर सकें। इसके साथ ही वे गैर-टेलीकॉम गतिविधियों से जुड़े लेनदेन लॉग तक भी पहुँच प्राप्त कर सकेंगे — यह कदम साइबर अपराधों की जांच और निगरानी के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
यह प्रणाली यह भी दर्शाती है कि अब सत्यापन सिर्फ बैकएंड में होने वाली प्रक्रिया नहीं रही, बल्कि यह साइबर सुरक्षा का फ्रंटलाइन डिफेंस बन गया है।
भारत सरकार ने इस प्रणाली को पारदर्शिता देने और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आम जन से सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। ड्राफ्ट MNV नियमों पर टिप्पणी भेजने के लिए ईमेल और डाक पते सरकारी राजपत्र अधिसूचना में प्रकाशित किए गए हैं।
यदि आप साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत नीतियों की आकांक्षा रखते हैं, तो यह आपके योगदान का समय है। नीचे दिए गए कदम उठाएं:
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संचार मंत्रालय (DoT) की वेबसाइट पर जाकर “Draft Telecom Cyber Security Amendment Rules, 2025” देखें।
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PDF अधिसूचना खोलें और उसमें उल्लिखित ईमेल या डाक पते पर अपने सुझाव समय सीमा से पहले भेजें।
यह बदलाव न केवल नागरिकों को धोखाधड़ी से सुरक्षा देगा, बल्कि देश के डिजिटल इकोसिस्टम को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाएगा।
याद रखें, डिजिटल ट्रस्ट और सुरक्षित इंटरनेट की नींव साइबर सजगता से ही पड़ती है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।


