Chambal River Flood: आगरा में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के पार, बाढ़ से तबाही के हालात, गांवों में दहशत का माहौल
रिपोर्ट: राजेश तौमर
उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में चंबल नदी ने इस बार रौद्र रूप धारण कर लिया है। लगातार हो रही भारी बारिश और राजस्थान के कोटा बैराज एवं बनास नदी बांध के गेट खोलने से चंबल में अचानक जलस्तर बढ़ गया है। नदी ने खतरे के निशान 130 मीटर को पार करते हुए गुरुवार सुबह 133 मीटर का स्तर छू लिया, जिससे दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बारिश हुई है। कोटा बैराज और बनास नदी पर बने बांध के 6 गेट खोलकर बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा गया, जिससे चंबल नदी का प्रवाह तेज हो गया। अचानक बढ़े जलस्तर से नदी किनारे बसे गांवों—कछियारा, डंगोरा, रेहा, बीच का पुरा, ऊपरी पुरा, उमरैठा पुरा, भगवानपुरा, झरनापुरा, केंजरा, गोहरा, भटपुरा और रानीपुरा—में भय और बेचैनी का माहौल है।
ग्रामीणों ने पशुओं, जरूरी सामान और परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। कई स्थानों पर लोग रातभर जागते हुए नदी के तेवरों पर नजर बनाए हुए हैं। कई घरों में पानी घुसने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर लेखपाल और कानूनगो की ड्यूटी लगाई गई है। पीएसी, पुलिस बल और SDRF की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं ताकि बाढ़ग्रस्त गांवों में फंसे लोगों को समय पर सुरक्षित निकाला जा सके। साथ ही ज़रूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी तेजी से शुरू कर दिया गया है।
चंबल किनारे बसे गांवों में प्रशासन द्वारा मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की चेतावनी दी जा रही है। कई ग्रामीण स्कूलों, सामुदायिक भवनों और ऊंचे स्थानों की ओर शरण लेने लगे हैं। हालांकि बाढ़ के कारण कुछ जगहों पर संपर्क मार्ग भी बाधित हुए हैं जिससे राहत कार्यों में चुनौतियां बढ़ गई हैं।


