Delhi Flood Crisis: दिल्ली में जलभराव पर कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव का तीखा हमला, कहा- ‘सरकार बदली है, नीयत नहीं’
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
नई दिल्ली,दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेंद्र यादव ने राजधानी में भारी बारिश के बाद हुए जलभराव और अव्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार और भाजपा दोनों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को जवाब चाहिए, ड्रामा नहीं।
श्री यादव ने सीधे-सीधे पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा को निशाने पर लेते हुए कहा कि “दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगी” जैसा दावा करने वाले मंत्री अब पहली ही बारिश में डूबी राजधानी पर सफाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब तक दिल्ली में लूट आधारित केजरीवाल मॉडल जारी रहेगा, तब तक जलभराव और अव्यवस्था से निजात नहीं मिल सकती।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें बदल रही हैं, लेकिन न ठेकेदार बदले हैं, न सिस्टम और न ही जिम्मेदारी तय की गई है। केवल अधिकारियों का कैडर बदलने से कुछ नहीं होगा। “जरूरत है साफ नीयत और पारदर्शी प्रशासन की। जनता जानना चाहती है कि जिन इंजीनियरों और अधिकारियों को ‘दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेह’ बताया जा रहा है, क्या यही लोग पहले भी केजरीवाल सरकार में काम नहीं कर रहे थे?” उन्होंने पूछा।
श्री यादव ने यह भी कहा कि दिल्ली में केवल मुख्यमंत्री नहीं, एक ‘सुपर मुख्यमंत्री’ भी सक्रिय हैं, जिनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग पर नियंत्रण की लालसा संस्थाओं को पंगु बनाने की कोशिश है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अब तो इन्हें उपराज्यपाल और खट्टर जी से भी आज़ादी चाहिए!”
कांग्रेस नेता ने गुरुग्राम की स्थिति का हवाला देते हुए भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने पूछा कि “अगर इंजीनियर जवाबदेह हों, तो फिर गुरुग्राम में मामूली बारिश में बाढ़ जैसी स्थिति क्यों बनती है? क्या वहां के इंजीनियर किसी और के प्रति जवाबदेह हैं?” उन्होंने कहा कि भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार का इंजन ही खटारा हो चुका है, जिसे अब रिटायर कर देना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि आज प्रशासनिक तंत्र नेता-केन्द्रित हो चुका है, अफसर जनहित की जगह नेताओं की सेवा में लगे हैं — कोई ‘शीशमहल’ बनवा रहा है, कोई ‘मोदी महल’, कोई ‘शौचमहल’ और कोई ‘फूलकुमारी निवास’। ऐसे में जनता की समस्याओं का समाधान होना तो दूर, अधिकारी जवाबदेही से बचते रहेंगे।
उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री से सवाल किया कि “क्या जो ठेकेदार आज काम कर रहे हैं, वे वही नहीं हैं जिन्हें केजरीवाल सरकार में पहले भी ठेके दिए जाते थे? सिर्फ सरकार बदली है, नीयत वही है, ठेकेदार वही हैं, तो बदलाव कहां है?”
यादव ने यह भी कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा निर्देशित थर्ड पार्टी ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ताकि असल सच्चाई सामने आए। उन्होंने पूछा कि “छोटे अधिकारियों को सस्पेंड करने का जो मीडिया में दिखावा किया गया था, क्या वह सिर्फ ताकत दिखाने का एक बहाना था? जबकि गड्ढे आज भी खुले हैं, जलभराव जस का तस है। बड़े अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सीपीडब्ल्यूडी के तकनीकी और गैर-तकनीकी कैडर न केवल दिल्ली पीडब्ल्यूडी में कार्यरत रहते हैं, बल्कि देश के अन्य मंत्रालयों और केंद्रीय उपक्रमों में भी अपनी सेवाएं देते हैं। ऐसे में केवल “दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेही” की बात करना एक भ्रम है।
अंत में श्री यादव ने कहा, “यह समय जनता को जवाब देने का है, न कि धुंध फैलाकर असली मुद्दों से भागने का। यदि मुख्यमंत्री और मंत्री अपनी जिम्मेदारी से बचते रहेंगे, तो अधिकारी भी कभी जिम्मेदार नहीं बनेंगे। दिल्ली को विकास चाहिए, नीयत और नीति का बदलाव चाहिए — ड्रामा नहीं।”


