JPN Library Delhi: जेपीएन पुस्तकालय का निर्माण अंतिम चरण में, सितंबर 2025 तक उद्घाटन का लक्ष्य: एनडीएमसी उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) राजधानी के शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। मंदिर मार्ग स्थित जय प्रकाश नारायण (जेपीएन) पुस्तकालय का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और इसे सितंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह जानकारी एनडीएमसी के उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने दी। उन्होंने इसे ‘विकसित भारत @2047’ अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रेरक पहल बताया।
जेपीएन पुस्तकालय न केवल एक भवन होगा, बल्कि यह एक ऐसा स्थान बनेगा जहां ज्ञान, नवाचार और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। श्री चहल ने इसे “ज्ञान और शिक्षा का मंदिर” करार देते हुए कहा कि यह पुस्तकालय विशेष रूप से वाल्मीकि सदन, मंदिर मार्ग, गोल मार्केट और आस-पास के क्षेत्रों के बच्चों, छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों और आम नागरिकों के लिए उपयोगी होगा।
श्री चहल ने बताया कि पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाया गया था। इस परियोजना के तहत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा ₹2.17 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जबकि शेष ₹4.64 करोड़ एनडीएमसी स्वयं वहन कर रही है। कुल निर्माण लागत ₹6.81 करोड़ है, जिसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल, फायरफाइटिंग, फर्नीचर और अन्य आवश्यक कार्य शामिल हैं।
उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि 85% निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और अगस्त 2025 तक पुस्तकालय में फर्नीचर, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और पुस्तकें भी स्थापित कर दी जाएंगी। इस आधुनिक पुस्तकालय का उद्घाटन सितंबर 2025 के अंत तक किया जाएगा।
जेपीएन पुस्तकालय एक तीन मंज़िला आरसीसी इमारत है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1,471.14 वर्ग मीटर है। प्रत्येक मंजिल का क्षेत्रफल 490.38 वर्ग मीटर है। भूतल पर एक बहुउद्देश्यीय हॉल होगा जबकि पहली और दूसरी मंज़िल पुस्तकालय हॉल के रूप में कार्य करेंगे। इन हॉलों में आधुनिक सुविधाएं जैसे लिफ्ट, शौचालय, सीढ़ियां और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होगी ताकि हर आयु वर्ग के लोगों को सुविधा मिल सके।
डिजिटल युग में पढ़ने की घटती आदतों की ओर इशारा करते हुए श्री चहल ने बताया कि एनडीएमसी पहले से ही 8 पुस्तकालयों का संचालन कर रही है और जेपीएन पुस्तकालय के जुड़ने से यह नेटवर्क और सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय में डिजिटल संसाधनों के साथ पारंपरिक पुस्तकों की भी व्यवस्था होगी ताकि छात्र और पाठक दोनों तरह की सामग्री का लाभ ले सकें।
परियोजना की वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि एनडीएमसी परिषद ने 18 दिसंबर 2024 की अपनी बैठक में इस परियोजना के लिए संशोधित बजट ₹14.57 करोड़ स्वीकृत किया था। इसमें सिविल वर्क, विद्युत प्रणाली, फर्नीचर और अग्नि सुरक्षा जैसे घटकों को शामिल किया गया है। शुरू में यह पुस्तकालय उद्यान मार्ग, बिरला मंदिर के पास प्रस्तावित था जिसकी रिपोर्ट 2014 में संस्कृति मंत्रालय को सौंपी गई थी।
श्री चहल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ विज़न को दोहराते हुए कहा कि एनडीएमसी राजधानी में ऐसी सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा, “जेपीएन पुस्तकालय न केवल एक संरचना है, बल्कि यह हमारे संकल्प, समर्पण और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”


