Delhi AQI 2025: नई दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए NDMC ने युद्धस्तर पर उठाए कदम
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट के बीच नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने अपने क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक और युद्धस्तरीय अभियान शुरू किया है। NDMC के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने प्रेस वार्ता में बताया कि 21 अक्टूबर 2025 को सुबह 5:30 बजे दिल्ली-एनसीआर का औसत AQI 346 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है और अधिकांश क्षेत्र रेड ज़ोन में हैं।
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए NDMC ने मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, एंटी-स्मॉग गन, मिस्ट स्प्रे सिस्टम, फुटपाथ और पेड़ों की धुलाई, हरियाली बढ़ाने और विशेष स्वच्छता अभियान जैसे उपाय किए हैं।
- मैकेनिकल रोड स्वीपिंग: NDMC के पास चार मशीनें हैं, जो प्रतिदिन 220–230 किलोमीटर सड़कों की सफाई करती हैं। इसके अलावा 5 नई CNG आधारित, 4 बैटरी स्वीपिंग और 4 छोटी Ride-on Sweepers खरीदने की प्रक्रिया जारी है।
- एंटी-स्मॉग गन: क्षेत्र में 8 मोबाइल गन प्रतिदिन 320–340 किलोमीटर सड़कें कवर करती हैं। 10 गन निजी इमारतों और 3 NDMC इमारतों पर स्थापित हैं। 7 नई गन लगाई जाएंगी।
- मिस्ट स्प्रे सिस्टम: बिजली के खंभों पर परीक्षण के तौर पर लगाए गए हैं। लोदी रोड पर 15 यूनिट्स, शांति पथ और अफ्रीका एवेन्यू पर 30 नए स्प्रे सिस्टम प्रगति पर हैं। कुल 1323 खंभों पर सिस्टम लगाने की योजना है।
- फुटपाथ की धुलाई: 22 प्रमुख बाजारों में सफाई की जाएगी। वर्तमान में Connaught Place, Khan Market और Sarojini Nagar में रात में सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
- पेड़ों की धुलाई: 9 वाटर टैंकर धूल नियंत्रण के लिए काम कर रहे हैं। 12 और टैंकरों पर हाई-प्रेशर जेट सिस्टम लगाया जाएगा।
- हरियाली और पौधारोपण: सूखे हिस्सों में 24 प्रमुख सड़कों पर पौधारोपण हुआ। “Ek Ped Maa Ke Naam” अभियान के तहत 2320 पेड़ लगाए गए।
- विशेष स्वच्छता अभियान: रात के समय प्रमुख बाजारों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई, धूल और प्रदूषक कण हटाने के लिए अभियान चल रहा है।
जन अपील:
श्री चहल ने नागरिकों और आगंतुकों से व्यक्तिगत स्तर पर प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की और कहा कि पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाकर हम अपने शहर को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकते हैं।
NDMC की यह कार्रवाई दिल्ली में बढ़ते AQI स्तर को नियंत्रित करने और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


