Delhi Child Trafficking: दक्षिण-पूर्व जिले की SIT ने बच्चों की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया, 10 गिरफ्तार
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दक्षिण-पूर्व जिले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों से बच्चों का अपहरण कर उन्हें अवैध रूप से बेचता और तस्करी करता था। इस कार्रवाई में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह के कब्जे से 6 महीने का एक बच्चा 48 घंटे के भीतर आगरा से बरामद किया गया। इसके अलावा तस्करी किए गए पांच अन्य बच्चों को भी अलग-अलग जगहों से ढूंढा गया, जो इस कार्रवाई को एक बड़ी कामयाबी बनाता है।
घटना 22 अगस्त 2025 की है, जब सुरेश, पिता दुर्गाप्रसाद, निवासी बांदा, उत्तर प्रदेश अपने परिवार के साथ बेहरोर जा रहे थे। ISBT सराय काले खां पर परिवार रात को प्लेटफ़ॉर्म नंबर 2 पर सो रहा था। इसी दौरान रात 11 बजे पता चला कि उनका सबसे छोटा 6 महीने का बच्चा गायब है। मामले की शिकायत पुलिस थाना सनलाइट कॉलोनी में दर्ज कराई गई। FIR नंबर 366/25 के तहत धारा 137(2) BNS के साथ-साथ धारा 143(4), 3(5), 61(2) BNS और 80 JJ एक्ट के तहत जांच शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इसमें एसआई चंचल, एसआई कृति, एसआई कविता, एसआई दीपक, एसआई शुभम चौधरी, एसआई मुनेश, एएसआई अनिल और कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। टीम को एसीपी/लाजपत नगर मिहिर सकारिया और एडिशनल डीसीपी-I ऐश्वर्या शर्मा, आईपीएस ने मार्गदर्शन प्रदान किया।
टीम ने ISBT सराय काले खां के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिसमें संदिग्धों को बच्चे को बस अड्डे से ले जाते देखा गया। तकनीकी और मानव रहित निगरानी के जरिए आरोपी वीरभान की पहचान हुई। पिनहट, फतेहाबाद से उसे पकड़ा गया। पूछताछ में उसने अन्य आरोपियों कालीचरण और रामबाबू का नाम लिया, जिन्होंने बच्चे को पैसों के बदले बेचने की योजना बनाई थी।
टीम ने एक नाटक का सहारा लेकर डॉ. कमलेश को के.के. अस्पताल आगरा से पकड़ लिया, जिसने बच्चा सुंदर नामक व्यक्ति को बेच दिया था। सुंदर को यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर पकड़ लिया गया और उसने खुलासा किया कि बच्चे को कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को बेचा गया था। इन घरों पर छापेमारी कर बच्चा बरामद किया गया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा बिचौलिया रितु, ज्योत्सना, रुबीना अग्रवाल @ रचिता और निखिल कुमार को भी पकड़ लिया गया।
अब तक की जांच में तस्करी किए गए कई बच्चों को बचाया गया है, और बाकी फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान जारी है। गिरफ्तार आरोपियों में वीरभान, कालीचरण, डॉ. कमलेश, सुंदर, कृष्णा, प्रीति, रितु, ज्योत्सना, रुबीना और निखिल शामिल हैं। कुछ आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि अन्य पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस का कहना है कि आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा ताकि सभी बच्चों को सुरक्षित घर लौटाया जा सके और गिरोह के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार हों।
यह कार्रवाई दक्षिण-पूर्व जिले की पुलिस और स्पेशल स्टाफ की जमीनी कड़ी मेहनत और आधुनिक तकनीकी निगरानी का परिणाम है, जो बच्चों की सुरक्षा और मानव तस्करी रोकने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।


