Delhi Crime: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने फर्जी डिग्री रैकेट का किया भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने फर्जी डिग्री रैकेट का किया भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने देशभर में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करने वाले एक फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट के जरिए महज एक से डेढ़ लाख रुपये में देश की नामी यूनिवर्सिटीज की फर्जी डिग्रियां ऐसे तरीके से मुहैया कराई जाती थीं, जो जांच में भी असली प्रतीत होती थीं। इन डिग्रियों का रिकॉर्ड संबंधित यूनिवर्सिटीज के डेटाबेस में असली तौर पर दर्ज किया जाता था, जिससे क्रॉस वेरिफिकेशन में भी धोखा ना पकड़ में आए।
क्राइम ब्रांच ने इस रैकेट से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें गिरोह का सरगना विक्की हरजानी शामिल है, जो केवल दसवीं पास है और उत्तर प्रदेश स्थित परमहंस विद्यापीठ में माली के तौर पर कार्यरत था। पुलिस के अनुसार, विक्की इस गिरोह का मुख्य संचालक था। इसके अलावा अन्य आरोपी विवेक गुप्ता (नोएडा), सतबीर सिंह (फरीदाबाद), नारायण सिंह (बुराड़ी) और एक अन्य व्यक्ति जिसे राजस्थान की जेल से गिरफ्तार किया गया है, इस रैकेट में शामिल थे।
पुलिस ने इनके पास से 228 फर्जी मार्कशीट, 27 डिग्री सर्टिफिकेट, 20 माइग्रेशन सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। क्राइम ब्रांच के अनुसार, यह गिरोह बी-फार्मा, बीटेक, बीएमएस, बीए और एमए सहित कई कोर्स की डिग्रियां उपलब्ध कराता था। अब तक ये 5,000 से अधिक डिग्रियां बेच चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन डिग्रियों को क्रॉस चेक किया गया, वे यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में असली पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अंदरूनी मिलीभगत के जरिए पूरा फर्जीवाड़ा चल रहा था।
गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया या कॉल के जरिए छात्रों से संपर्क करते थे, उनकी कमजोरी का पता लगाकर डिग्रियां ऑफर करते थे। एक डिग्री के बदले में ये आरोपी एक से डेढ़ लाख रुपये वसूलते थे। डिग्रियों को इस तरह से तैयार किया जाता था कि वह न केवल असली लगती थीं, बल्कि यूनिवर्सिटी रिकॉर्ड में भी दर्ज होती थीं, जिससे सरकारी व निजी नौकरियों में भी उनका इस्तेमाल आसानी से हो जाता था।
दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी (क्राइम ब्रांच) सुरेंद्र कुमार जाखड़ ने बताया कि यह मामला शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर खतरा है और इस रैकेट के तार कई राज्यों में फैले हुए हैं। फिलहाल क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जानकारी भारत सरकार को भी दे दी है क्योंकि रैकेट से डिग्री लेने वालों में कई लोग सरकारी पदों पर भी कार्यरत पाए गए हैं। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि उन यूनिवर्सिटीज में कौन से लोग हैं जो गिरोह को डिग्रियां उपलब्ध कराते थे और रिकॉर्ड भी फर्जी तरीके से अपलोड करते थे। मामले की जांच जारी है और जल्द ही यूनिवर्सिटी के अंदर बैठे इन सहयोगियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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🔶श्री सतीश गोलचा जी, IPS को दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने पर हार्दिक बधाई @CPDelhi#DPUpdates pic.twitter.com/luIN3fgeTA
— Delhi Police (@DelhiPolice) August 22, 2025


