Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने बिहार मुखिया हत्याकांड के कुख्यात मुख्य शूटर को किया गिरफ्तार, 31 मामलों में वांछित था आरोपी
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एनआर-II टीम ने एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए बिहार के बहुचर्चित ग्राम मुखिया हत्याकांड के मुख्य शूटर और कुख्यात अपराधी राहुल सिंह राजपूत को दिल्ली के केशवपुरम इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी बिहार और दिल्ली पुलिस के बीच जबरदस्त समन्वय और तकनीकी निगरानी के साथ ज़मीनी खुफिया तंत्र के बेहतर तालमेल का परिणाम है।
राहुल सिंह राजपूत एक बेहद शातिर और खतरनाक अपराधी है, जिस पर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती, एनडीपीएस, यूपी गैंगस्टर एक्ट और शस्त्र अधिनियम जैसे 31 संगीन आपराधिक मामलों में संलिप्तता है। उसके खिलाफ बिहार की अदालत ने गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया था।
घटना का विवरण:
30 नवंबर 2024 को बिहार के औरंगाबाद जिले के माली थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर दो प्रतिद्वंदी गुटों में पुरानी रंजिश के कारण तनाव चरम पर था। इसी के तहत एक गुट ने चुनावी प्रभुत्व स्थापित करने के उद्देश्य से संजय सिंह नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। मामले में कुल 7 आरोपी स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं, परंतु मुख्य शूटर राहुल सिंह राजपूत फरार चल रहा था।
संयुक्त अभियान और गिरफ्तारी का प्लान:
22 जुलाई 2025 को औरंगाबाद पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची और एनआर-II, अपराध शाखा से इस वांछित अपराधी को पकड़ने के लिए सहयोग मांगा। डीसीपी अपराध शाखा हर्ष इंदौरा (भा.पु.से.) और एसीपी नरेंद्र सिंह बेनीवाल के निर्देश पर निरीक्षक संदीप स्वामी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
प्रधान सिपाही राज आर्यन द्वारा जुटाई गई गुप्त जानकारी के आधार पर, पुलिस टीम ने केशवपुरम इलाके के प्रेमबाड़ी पुल के पास जाल बिछाया। कुछ ही घंटों की निगरानी के बाद टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में खुलासे:
पुलिस पूछताछ में राहुल सिंह राजपूत ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है और बचपन से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया था। 12वीं कक्षा में ही उसे पहला आपराधिक केस झेलना पड़ा और इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। शुरू में एनडीपीएस मामलों में लिप्त हुआ और बाद में अपराध को ही अपना पेशा बना लिया।
उसने बताया कि वह जेल में राकेश गिरी नामक अपराधी के संपर्क में आया, जिसने उसे मुखिया हत्याकांड में शामिल किया। जबरन वसूली, सुपारी किलिंग और गैंगवार उसके काम के मुख्य जरिये बन गए थे। उसे तीन बार यूपी गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी बुक किया जा चुका है।
अपराधिक इतिहास:
राहुल सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, भदोही, देवरिया आदि जिलों में दर्जनों केस दर्ज हैं, जिनमें प्रमुख धाराएं 302, 307, 386, 120B, NDPS, POCSO, Arms Act और यूपी गैंगस्टर अधिनियम शामिल हैं।
प्रभाव और आगे की कार्रवाई:
राहुल की गिरफ्तारी से न केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अपराध के कई मामलों की कड़ियाँ जुड़ सकती हैं। साथ आई बिहार पुलिस ने उसे तुरंत न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


