Delhi Police Operation Milap: दिल्ली पुलिस की “ऑपरेशन मिलाप” में बड़ी सफलता, दो महीने से लापता व्यक्ति को सकुशल परिवार से मिलाया
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (एनआर-I) ने “ऑपरेशन मिलाप” के अंतर्गत एक बेहद संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। करीब दो महीने पहले बेगमपुर थाना क्षेत्र से लापता हुए 39 वर्षीय व्यक्ति को पुलिस की एक समर्पित टीम ने सफलतापूर्वक खोज निकाला और उसे सकुशल उसके परिवार से मिलवा दिया। यह कार्य न केवल तकनीकी दक्षता, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और जमीनी स्तर की कड़ी मेहनत का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया।
मामला 15 मई 2025 को तब सामने आया जब पीड़ित के अचानक लापता हो जाने की शिकायत बेगमपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। परिजनों की चिंता को देखते हुए पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और व्यक्ति की जानकारी देने वाले को ₹20,000 का इनाम घोषित किया गया। इस कदम का उद्देश्य था किसी भी तरह की उपयोगी जानकारी को प्राप्त कर गुमशुदा व्यक्ति तक जल्द से जल्द पहुंचना।
वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देशों में इस मामले की जांच अपराध शाखा (एनआर-I) को सौंपी गई। निरीक्षक संदीप स्वामी के पर्यवेक्षण और सहायक पुलिस आयुक्त अशोक शर्मा के नेतृत्व में महिला प्रधान सिपाही सीमा कल्याण ने तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी पर आधारित एक व्यापक रणनीति अपनाई। सीमा कल्याण ने मोबाइल फोन लोकेशन ट्रैकिंग, कॉल रिकॉर्ड विश्लेषण और मुखबिरों से संवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण सुराग जुटाए।
जांच के दौरान, एक मोबाइल लोकेशन के आधार पर यह पता चला कि लापता व्यक्ति रोहिणी सेक्टर-23 क्षेत्र में मौजूद है। इसके बाद प्रधान सिपाही सुमित के साथ महिला प्रधान सिपाही सीमा कल्याण ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलाके में खोजबीन शुरू की और थोड़ी ही देर में गुमशुदा व्यक्ति को सुरक्षित ढूंढ निकाला।
व्यक्ति को थाना बेगमपुर लाकर जीडी संख्या 136ए दिनांक 30 जुलाई 2025 के तहत संबंधित जांच अधिकारी को सौंप दिया गया। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि व्यक्ति इस दौरान कहां और किन परिस्थितियों में रह रहा था, तथा लापता होने के पीछे कोई आपराधिक या मानसिक कारण तो नहीं।
इस घटना के बाद पुलिस आयुक्तालय ने इस सफलता को न केवल एक मिशन की कामयाबी के रूप में देखा है, बल्कि यह भी बताया कि “ऑपरेशन मिलाप” के तहत दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है — लापता लोगों, विशेष रूप से मानसिक रूप से अस्थिर या कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को उनके परिवार से सुरक्षित मिलाना।


