Cyber Crime India: हर नागरिक बन सकता है साइबर हीरो: Chakshu और SAMANVAYA से रोकें साइबर क्राइ
रिपोर्ट, हेमंत कुमार।
भारत में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए केंद्र सरकार अब आम नागरिकों को भी इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना रही है। “हर नागरिक एक साइबर प्रहरी बन सकता है”—यह विचार अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सशक्त साइबर सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा बन चुका है। गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अंतर्गत विकसित SAMANVAYA पोर्टल, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) जैसे तकनीकी टूल्स के माध्यम से अब हर व्यक्ति साइबर अपराध को रोकने में योगदान दे सकता है।
SAMANVAYA पोर्टल न केवल साइबर पेट्रोलिंग और साइबर सतर्कता को मजबूती देता है, बल्कि यह देशभर की जांच एजेंसियों, टेलीकॉम कंपनियों, बैंकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरा है। जब भी किसी नागरिक द्वारा कोई साइबर धोखाधड़ी रिपोर्ट की जाती है—जैसे कि सिम स्वैप या फर्जी कॉल—तो SAMANVAYA उस संदिग्ध मोबाइल नंबर या IP पते को DIP के साथ साझा करता है। इसके बाद टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) या संबंधित बैंक आवश्यक कार्रवाई करते हैं, जैसे कि सिम ब्लॉक करना या खाते को फ्रीज़ कर देना।
डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP), जो दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बनाया गया है, एक रीयल-टाइम इंटेलिजेंस हब है। यह न केवल टेलीकॉम कंपनियों को जोड़ता है, बल्कि बैंकों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, और पहचान पत्र जारी करने वाली एजेंसियों को भी जोड़ता है। इसका सबसे बड़ा योगदान Chakshu टूल से एकीकरण है, जिसमें आम नागरिक किसी भी संदिग्ध कॉल, एसएमएस या व्हाट्सऐप मैसेज को रिपोर्ट कर सकते हैं। Chakshu से प्राप्त हर जानकारी DIP में स्टोर होती है, और वही सूचना जरूरत पड़ने पर SAMANVAYA के माध्यम से एजेंसियों को भेजी जाती है।
इसी तरह, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) भी इस त्रिशक्ति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। NCRP नागरिकों के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म है, जहां कोई भी साइबर अपराध की शिकायत कर सकता है। इसमें “Report Suspect” और “Suspect Repository” जैसे विकल्प हैं, जो नागरिकों को आसानी से संदिग्ध जानकारी साझा करने की सुविधा देते हैं। इन रिपोर्ट्स को फिर SAMANVAYA को ट्रांसफर किया जाता है, जहां संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीमें (Joint Cyber Crime Coordination Teams – JCCTs) आगे की जांच करती हैं।
तीनों प्लेटफॉर्म—NCRP, SAMANVAYA और DIP—मिलकर एक फुल-सर्कल साइबर सुरक्षा मॉडल तैयार करते हैं:
-
NCRP नागरिकों से जानकारी लेता है।
-
SAMANVAYA विभिन्न एजेंसियों के बीच डेटा और सूचना साझा करता है।
-
DIP उस सूचना के आधार पर तकनीकी खुफिया को संबंधित संस्थानों तक पहुंचाता है।
यह प्रणाली पारदर्शी, उत्तरदायी और तेजी से काम करने वाली है, जिसमें नागरिक की भूमिका सबसे पहली और महत्वपूर्ण है। Chakshu जैसे उपकरणों की मदद से अब किसी भी आम व्यक्ति के हाथ में साइबर सुरक्षा का रिमोट है।
अगर आपने कभी किसी फ्रॉड कॉल, एसएमएस या संदिग्ध लिंक का अनुभव किया है, तो अब उसे अनदेखा न करें। Chakshu का उपयोग करें और अपनी रिपोर्ट दर्ज कराएं। आपकी सतर्कता किसी बड़े साइबर फ्रॉड को रोक सकती है।
याद रखें:
साइबर सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। हम सबकी सतर्कता और भागीदारी से ही सुरक्षित डिजिटल भारत का निर्माण संभव है।
संदेश स्पष्ट है — सतर्क रहें, सूचित रहें, और डिजिटल इंडिया को साइबर क्राइम मुक्त बनाएं।


