जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार को 17 मार्च 2025 तक गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने का अंतिम अवसर दिया। सुनवाई न होने पर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।
📍 स्थान: ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय शिविर, सेक्टर – 19, कुम्भ क्षेत्र, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
📅 तिथि: 11 फरवरी 2025
🔹 गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने में देरी असहनीय – शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
🔸 केंद्र सरकार को 17 मार्च तक अंतिम अवसर
🔸 सुनवाई न होने पर सनातनी हिंदू लेंगे कड़ा निर्णय
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय
कुंभ महापर्व के दौरान आयोजित 324 कुंडीय पंचायतन श्री गौ-प्रतिष्ठा महायज्ञ और परमधर्म संसद के सफल समापन के साथ ही, अब आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जा रही है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि यदि 17 मार्च 2025 तक केंद्र सरकार गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं करती है और गौहत्या पर ठोस प्रतिबंध नहीं लगाती, तो सनातनी हिंदू कड़ा निर्णय लेने को बाध्य होंगे।
गौहत्या और गोमांस निर्यात पर गहरी चिंता
🔹 जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि भारत में गौहत्या और गौमांस निर्यात जारी रहना हिंदू धर्म पर बड़ा कलंक है।
🔹 जब गैर-हिंदू सरकारें थीं, तब गौमाता को लेकर कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन पिछले 10 वर्षों से बहुसंख्यक हिंदुओं की सरकार होने के बावजूद इस विषय पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
🔹 सनातन धर्म में गाय को “अघ्न्या” (जिसे मारा नहीं जा सकता) माना गया है, इसलिए गौहत्या को पूरी तरह से रोका जाना चाहिए।
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन की प्रमुख घटनाएं
✅ 20 नवंबर 2023 – भारतीय गौ क्रांति मंच द्वारा आंदोलन पुनः आरंभ
✅ 14 से 28 मार्च 2024 – नंगे पैर पदयात्रा गोवर्धन से दिल्ली तक
✅ 22 सितंबर से 27 अक्टूबर 2024 – 36 राज्यों की राजधानियों में गौ ध्वज स्थापना यात्रा
✅ 17 मार्च 2025 – गौ प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस, रामलीला मैदान, दिल्ली
📌 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक गौ प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस आयोजित होगा, जिसमें केंद्र सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
गाय को पशु नहीं, माता के रूप में पढ़ाया जाए
🔹 उत्तर प्रदेश सरकार गाय को पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना बना रही है, लेकिन यदि इसे पशु के रूप में पढ़ाया जाएगा, तो यह सनातनी भावना के विपरीत होगा।
🔹 सरकार को पहले गाय को “उत्तर प्रदेश की राज्यमाता” घोषित करना चाहिए और फिर इसे पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए।
गंगा जल के साथ “गौ प्रतिष्ठा अनुस्मारक यात्रा”
📅 12 फरवरी 2025 से गंगा जल और गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ की भस्म के साथ पदयात्रा प्रारंभ होगी, जो विभिन्न स्थानों से होते हुए 17 मार्च को दिल्ली पहुंचेगी।
सनातन संरक्षण परिषद् (बोर्ड) का गठन
🔹 हिन्दू धर्मस्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए सनातन संरक्षण परिषद् का गठन किया गया।
🔹 इसमें कश्मीरी पंडित विवेक कौल जी को संयोजक नियुक्त किया गया है।
🔹 प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर हिन्दू धर्मस्थलों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने की मांग की गई।
श्री हंसावतार स्थली को खोले जाने की मांग
🔸 प्रयागराज के झूंसी में स्थित श्री हंसावतार स्थली, जो भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक माने जाते हैं, अब तक श्रद्धालुओं के लिए बंद है।
🔸 यदि प्रशासन इसे शीघ्र नहीं खोलता, तो भविष्य में अयोध्या और मथुरा जैसा बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
निष्कर्ष
🔸 17 मार्च 2025 तक सरकार ने गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित नहीं किया और गौहत्या पर प्रतिबंध नहीं लगाया, तो सनातनी हिंदू निर्णायक कदम उठाएंगे।
🔸 दिल्ली के रामलीला मैदान में गौ प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस भारत के गौरक्षा आंदोलन का महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा।


