Green Gold: द नीम फार्मेसी का भव्य विमोचन — डॉ. बीआरसी ने नीम को बताया भविष्य की सबसे भरोसेमंद चिकित्सा पद्धति
भारत की राजधानी में स्थित प्रतिष्ठित सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम आज उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (Dr. BRC) द्वारा लिखित बहुप्रतीक्षित पुस्तक “ग्रीन गोल्ड: द नीम फार्मेसी” का लोकार्पण एक भव्य समारोह में किया गया। यह अवसर केवल एक पुस्तक विमोचन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक, चिकित्सा और वैकल्पिक स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में गहरे सहयोग का प्रतीक बन गया।
इस आयोजन को खास बनाने के लिए Dr. BRC Clinic@Home — जो देशभर में 500 से अधिक क्लीनिकों के विशाल नेटवर्क का संचालन करता है — ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वियतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के साथ साझेदारी की। यह समारोह क्रांतिवीर चंद्रशेखर आज़ाद और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से भी आयोजित किया गया था, जिनकी दूरदृष्टि और स्वदेशी सोच आज भी स्वास्थ्य और समाज सुधार की प्रेरणा बनी हुई है।
कार्यक्रम में डॉ. बीआरसी ने नीम की महत्ता को नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि “नीम सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि यह एक पूर्ण फार्मेसी है जो रोगों से लड़ने की सबसे तेज़, सबसे सुरक्षित और सबसे प्रमाण आधारित पद्धति बन चुकी है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ग्रीन गोल्ड का तात्पर्य न केवल हरित औषधियों से है, बल्कि यह हरित जीवनशैली, प्राकृतिक चिकित्सा और आत्मनिर्भर स्वास्थ्य मॉडल की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
इस अवसर पर नीम थेरेपी प्रैक्टिशनर्स कोर्स के पहले बैच के 1,000 प्रमाणित स्नातकों का दीक्षांत समारोह भी आयोजित किया गया। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही, जिसमें वैकल्पिक चिकित्सा के इस नए अध्याय को औपचारिक मान्यता दी गई। इस कोर्स ने एकीकृत चिकित्सा शिक्षा को एक नई दिशा दी है, जहां पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का सामंजस्य देखने को मिला।
इस गरिमामयी आयोजन के मुख्य अतिथि थे श्री भागीरथ चौधरी, भारत सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री। उन्होंने पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया और अपने भाषण में इस आंदोलन को भारत के स्वदेशी चिकित्सा पुनर्जागरण का नाम दिया। उन्होंने कहा कि “नीम जैसे पारंपरिक वृक्षों में छिपी ज्ञान की विरासत को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ना हमारी संस्कृति और वैज्ञानिक सोच दोनों की सेवा है।”
कार्यक्रम में वियतनाम से भी कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी रही, जिनमें शामिल थे:
-
प्रो. चू बाओ कुए, अध्यक्ष – वियतनाम फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन (VFUA) की नीति एवं विकास सलाहकार परिषद
-
श्री त्रुओंग क्वांग हाई, निदेशक – संस्कृति, खेल और पर्यटन विभाग, बाक निन्ह प्रांत, वियतनाम
-
डॉ. गुयेन होआंग अन्ह (जूलिया) – उपाध्यक्ष, वियतनाम रिकॉर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन एवं महासचिव, वर्ल्ड किंग्स
इन अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भारत-वियतनाम संबंधों को नई ऊंचाई देने की बात कही और विशेष रूप से नीम चिकित्सा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में सहयोग का प्रस्ताव दिया।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रबंध संपादिका श्रीमती नीरजा रॉय चौधरी ने भी इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई और वियतनाम के श्री त्रुओंग क्वांग हाई को हेरिटेज हीरोज अवॉर्ड से सम्मानित किया। यह सम्मान वियतनाम की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और स्थानीय समुदायों को प्रेरित करने के उनके प्रयासों की वैश्विक मान्यता है।
“ग्रीन गोल्ड: द नीम फार्मेसी” का विमोचन केवल एक किताब के सार्वजनिक होने का क्षण नहीं था, बल्कि यह उस विचारधारा का उद्घोष था जो स्वास्थ्य को सिर्फ उपचार नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा मानती है। यह नीम के वैज्ञानिक और सामाजिक महत्त्व को एक वैश्विक विमर्श में बदलने की शुरुआत है — जहां भारतीय चिकित्सा ज्ञान, वैश्विक मंच पर सार्थक और सम्मानजनक पहचान बना रहा है।


