Gurugram Police Encounter: गुरुग्राम में 50 हजार का इनामी वांछित अपराधी भीम महाबहादुर जोरा मुठभेड़ में ढेर, पुलिस ने बरामद की पिस्तौल और कारतूस
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
अभियान की जानकारी सूत्रों के अनुसार, दक्षिण-पूर्व जिले की स्पेशल टीम को 6 अक्टूबर 2025 को आरोपी की गतिविधियों और ठिकानों के बारे में विश्वसनीय सूचना मिली। यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गई और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच को भी साझा की गई। सूचना मिलने के बाद एसआई शुभम चौधरी, एसआई विनोद, एसआई राजबीर, एएसआई अनिल, एचसी राजेश, एचसी महेंद्र, एचसी प्रेम नारायण, एएसआई सतवीर, कांस्टेबल रोहित, प्रियांक और अजीत सहित एक संयुक्त टीम गठित की गई।
06/07 अक्टूबर की मध्यरात्रि को डीडीए आस्था कुंज पार्क में आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी, लेकिन आरोपी ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान दो गोलियां इंस्पेक्टर नरेंद्र शर्मा और एसआई शुभम चौधरी के बुलेट प्रूफ जैकेट में लगीं, और दोनों बाल-बाल बच गए। एसआई शुभम चौधरी ने आरोपी की ओर बढ़कर एक गोली उसकी छाती में दागी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद इंस्पेक्टर राजेंद्र डागर, इंस्पेक्टर नरेंद्र शर्मा और हेड कांस्टेबल राजेश ने आरोपी को काबू में लिया और उसका हथियार जब्त किया।
घायल आरोपी को एम्स ट्रॉमा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना स्थल का एफएसएल और क्राइम टीम द्वारा गहन निरीक्षण किया जा रहा है। आरोपी के कब्जे से एक अत्याधुनिक स्वचालित पिस्तौल, 6 ज़िंदा और 11 खाली कारतूस बरामद किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी नेपाली गिरोह का सरगना था और लंबे समय से फरार था। मई 2024 में भीम जोरा ने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर जंगपुरा स्थित डॉक्टर के घर पर डकैती की थी और हत्या को अंजाम दिया था। स्पेशल स्टाफ पिछले 16 महीनों से आरोपी और उसके सहयोगियों को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
पुलिस ने कहा कि इस महत्वपूर्ण अभियान में दक्षिण-पूर्व जिले के विशेष पुलिस बल और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीम ने शानदार समन्वय और साहसिक कार्रवाई दिखाई। वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम को उनके पराक्रम और तत्परता के लिए बधाई दी है।


