NDMC Mist Sprayer: NDMC की ‘विकसित भारत@2047’ के तहत बड़ी हरित पहल: शांतिपथ और अफ्रीका एवेन्यू पर मिस्ट स्प्रेयर सिस्टम होगा स्थापित
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत@2047” विज़न और “ईज ऑफ लिविंग” मिशन को साकार करने की दिशा में एक और बड़ी पर्यावरणीय पहल की घोषणा की है। परिषद के उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने 6 जून 2025 को बताया कि लोधी रोड पर मिस्ट स्प्रेयर प्रणाली की सफलता के बाद अब इस परियोजना का दूसरा चरण शांतिपथ और अफ्रीका एवेन्यू जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शुरू किया जा रहा है।
यह अभिनव प्रणाली बिजली के खंभों पर लगाई जाती है और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करती है। स्प्रेयर से निकलने वाले महीन जलकण हवा में मौजूद धूल और अन्य प्रदूषक कणों को नीचे गिरा देते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां यातायात घना होता है और जनसंख्या घनत्व अधिक होता है, वहां यह प्रणाली अत्यधिक प्रभावी सिद्ध हो रही है।
लोधी रोड पर पहले चरण के तहत 500 मीटर क्षेत्र में 15 खंभों पर यह प्रणाली लगाई गई थी, जिसमें कुल ₹34 लाख का खर्च आया और इसे नागरिकों व विशेषज्ञों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इसी सफलता को देखते हुए अब अफ्रीका एवेन्यू और शांतिपथ में इस प्रणाली को विस्तारित किया जा रहा है। अफ्रीका एवेन्यू में 850 मीटर लंबे क्षेत्र में 30 खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे। हर खंभे में पांच नोजल होंगे और प्रत्येक नोजल से छह जलधाराएं निकलेंगी, जिससे कुल 30 छिद्रों से पानी का एकसाथ छिड़काव संभव होगा। एक खंभा प्रति घंटे लगभग 84 लीटर उपचारित जल का उपयोग करेगा और इसके लिए 5,000 लीटर की क्षमता वाले चार टैंक भी लगाए जाएंगे।
शांतिपथ के 900 मीटर लंबे खंड में भी यही तकनीक अपनाई जाएगी। इसका कार्यादेश जारी हो चुका है और जुलाई-अगस्त 2024 तक कार्य को एक महीने की अवधि में पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना में जल संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए केवल उपचारित जल का उपयोग किया जाएगा, जिससे ताजे पानी की बचत सुनिश्चित की जा सके।
श्री चहल ने बताया कि NDMC पहले से ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई अत्याधुनिक कदम उठा रही है। इनमें जीपीएस से लैस मैकेनिकल रोड स्वीपर्स, एंटी-स्मॉग गन, मिस्ट स्प्रे मशीनें और बड़े जल टैंकरों द्वारा पौधों और हरियाली पर जल का छिड़काव शामिल है। इसके अलावा, NDMC द्वारा निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और सड़कों की हरित पट्टियों की देखभाल के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।
हरियाली को बढ़ावा देने के लिए नियमित पौधारोपण, सिंचाई और स्वच्छता अभियानों को NDMC ने अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। परिषद का मानना है कि दिल्ली को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए हर स्तर पर नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप आवश्यक हैं।
श्री चहल ने कहा कि टीम NDMC प्रधानमंत्री मोदी के “विकसित भारत@2047” के लक्ष्य से प्रेरित है और वह पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने, प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।


