Sextortion Scam: साइबर अपराधियों की नई चालें: कैसे Sextortion, Gigolo Scam और Fake Job Fraud मासूमों को बना रहे शिकार
रिपोर्ट, हेमंत कुमार।
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी पहले से कहीं ज्यादा शातिर और रणनीतिक हो गए हैं। तकनीक के विस्तार के साथ-साथ उनकी धोखाधड़ी के तरीके भी विकसित होते जा रहे हैं। Sextortion, Black Dollar Fraud, Gigolo Scam, नकली शराब होम डिलीवरी और फर्जी जॉब स्कीम जैसे घोटाले अब केवल ऑनलाइन धोखाधड़ी नहीं रहे—ये लोगों की भावनाओं, कमजोरियों और लालच का फायदा उठाकर उनके जीवन को तहस-नहस करने वाले हथियार बन गए हैं।
ठगों की बदलती रणनीतियाँ और पीड़ितों की चुप्पी
साइबर अपराधी लगातार नए-नए जाल बिछाते हैं, जहां वे उभरते ट्रेंड्स का लाभ उठाते हुए आम लोगों की इच्छाओं और समस्याओं को निशाना बनाते हैं। ये अपराधी अक्सर ऐसे प्रस्ताव सामने रखते हैं जो पीड़ित को बेहद आकर्षक लगते हैं। लेकिन असल में वे मानसिक भ्रम, डर, और लालच के जाल में फंसा कर उन्हें ठग लेते हैं।
दुर्भाग्यवश, इन फ्रॉड्स की सबसे बड़ी ताकत पीड़ितों की चुप्पी होती है। शर्मिंदगी, सामाजिक कलंक, और पुलिस की प्रतिक्रिया को लेकर डर के चलते कई लोग शिकायत दर्ज नहीं करते, जिससे ठगों को बार-बार वही स्कैम दोहराने का अवसर मिलता है।
प्रमुख साइबर फ्रॉड के उदाहरण
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Black Dollar Scam: पीड़ित को विश्वास दिलाया जाता है कि उसके पास रासायनिक लेप वाले काले नोट हैं जिन्हें विशेष केमिकल से साफ कर असली मुद्रा में बदला जा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे भारी रकम चुकानी पड़ती है।
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Fake Gigolo Services: युवाओं को हाई इनकम का लालच देकर पंजीकरण शुल्क मांगा जाता है। जब वे फीस जमा कर देते हैं, तब उन्हें या तो और पैसे मांगे जाते हैं या ब्लैकमेल किया जाता है।
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Bogus Liquor Delivery: खासकर त्योहारी सीजन में ये स्कैम तेजी पकड़ता है, जहां शराब की होम डिलीवरी का वादा कर पैसे ले लिए जाते हैं लेकिन कोई डिलीवरी नहीं होती।
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Sex Employment Scams: युवाओं को फर्जी जॉब ऑफर दिए जाते हैं जैसे “प्रजनन के लिए पेड जॉब” या “सीक्रेट गर्लफ्रेंड स्कीम,” जो असल में डेटा चोरी और आर्थिक ठगी के माध्यम होते हैं।
रिपोर्टिंग क्यों है बेहद ज़रूरी
इन घोटालों को रोकने का सबसे मजबूत तरीका है रिपोर्टिंग कल्चर को बढ़ावा देना। जब लोग रिपोर्ट करते हैं, तो न केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलती है।
रिपोर्टिंग से मिलते हैं ये लाभ:
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अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव होती है
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सरकारी एजेंसियां सतर्कता संदेश जारी कर सकती हैं
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नीतियों को सुधारने में मदद मिलती है
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डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाया जा सकता है
अगर आप शिकार बने हैं, तो ये कदम तुरंत उठाएं:
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Dial 1930 – भारत सरकार की साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर तुरंत कॉल करें।
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Online Complaint – cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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स्थानीय पुलिस – नजदीकी थाने या साइबर सेल से संपर्क करें।
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अन्य लोगों को जागरूक करें – अपनी कहानी साझा करके दूसरों को सतर्क करें।
डरना नहीं, बोलना है जरूरी
साइबर अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत है पीड़ित की चुप्पी। अगर हम उनके खिलाफ खुलकर बोलना शुरू करें, तो उनके लिए अपराध करना मुश्किल हो जाएगा। हर एक रिपोर्ट न केवल एक व्यक्ति को न्याय दिला सकती है, बल्कि हजारों लोगों को ऐसे स्कैम्स से बचा सकती है।


