नई दिल्ली : लोकगायन की विधा (Folk Singing) को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने वाली बिहार कोकिला (Bihar Kokila) के नाम से प्रसिद्ध व पद्म भूषण से सम्मानित लोकगायिका (Folk Singer) शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का मंगलवार को एम्स (Delhi AIIMS) में निधन (Sharda Sinha Died) हो गया। विगत दिनों हालत बिगड़ने के बाद उन्हें यहाँ भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए। वो 72 साल की थी। करीब 2 महीने पहले उनके पति का निधन हो गया था, जिसके बाद से ही शारदा सिन्हा बीमार रहने लगी थी। उनके निधन पर पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) व CM नितीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) सहित अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
Sharda Sinha Died : क्या थी मौत की वजह ?
एम्स ने बयान जारी कर कहा है कि रेफ्रेक्टरी शॉक व सेप्टिसीमिया के कारण उनका निधन हुआ। शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा (Anshuman Sinha) के अनुसार, 2017 से शारदा सिन्हा मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma) से लड़ रही थीं। हम परिवार के लोग इस बात को जानते हैं। उनकी इच्छा थी कि मेरी व्यक्तिगत पीड़ा को सार्वजनिक नहीं की जाए। उन्हें क्या तकलीफ है, इस बात की व्याख्या करके काम करना, उन्हें पसंद नहीं। पिता जी (Brajkishore Sinha) के देहांत के बाद उनका मनोबल टूट गया। उन्हें बड़ा झटका लगा। वह पूरी तरह से टूट गईं। इस कारण वह आंतरिक लड़ाई लड़ने में कमजोर हो गईं। पिताजी के श्राद्ध खत्म होने के ठीक बाद हमलोग उनके स्वास्थ्य की रूटीन जांच के लिए दिल्ली आए। इसी दौरान उनकी बीमारी में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया। कुछ दिन स्थिति ऐसी हुई अस्पताल में जंग लड़ते-लड़ते उनकी सांसें थम गईं।
Sharda Sinha Died : क्या है मल्टीपल मायलोमा ?
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई में काम कर चुके बिहार के प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीपी सिंह के अनुसार, मल्टीपल मायलोमा कैंसर का एक प्रकार है। मरीज के हड्डियों, गुर्दे और शरीर की स्वस्थ लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता को प्रभावित कर देता है। इसका पूरी तरह से इलाज नहीं हो सकता है। लेकिन, इसकी स्थितियों और लक्षणों का इलाज कर सकते हैं और इसकी प्रगति को धीमा कर सकते हैं।