Delhi Crime: 13 वर्षों से फरार लुटेरा माफू उर्फ मर्फ़त दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में, नांगली पूना गोदाम चोरी मामले में था घोषित अपराधी
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 13 वर्षों से फरार चल रहे एक कुख्यात लुटेरे माफू उर्फ मर्फ़त पुत्र लियाकत अली, उम्र 37 वर्ष, निवासी झुग्गी नं. 38/201, सीडी पार्क, जहांगीर पुरी, दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी अपराध शाखा की एनआर-II टीम द्वारा एसीपी नरेंद्र बेनीवाल के पर्यवेक्षण और इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में की गई। माफू वर्ष 2011 में दिल्ली के नांगली पूना स्थित एक क्रॉकरी गोदाम से हुई बड़ी चोरी के मामले में वांछित था और 2012 में अदालत द्वारा घोषित अपराधी घोषित किया गया था।
इस केस की शुरुआत 10-11 सितंबर 2011 की रात हुई थी, जब सात चोरों के गिरोह ने मिलकर नांगली पूना में स्थित एक क्रॉकरी गोदाम का शटर तोड़कर ट्रक के माध्यम से गोदाम का सारा सामान चुरा लिया था। इस घटना ने स्थानीय क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। मामले में एफआईआर संख्या 138/11 थाना स्वरूप नगर में IPC की धाराओं 457, 380, 34 के तहत दर्ज की गई थी। स्थानीय पुलिस ने जांच करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन माफू और उसके दो अन्य साथी फरार हो गए थे। बाद में न्यायालय ने माफू को 15 सितंबर 2012 को घोषित अपराधी घोषित कर दिया था।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा लंबे समय से फरार अपराधियों की तलाश में विशेष अभियान चला रही थी। इसी क्रम में हेड कांस्टेबल नितिन और नवाल को विश्वसनीय सूचना मिली कि माफू जहांगीर पुरी के कुशल चौक के पास देखा गया है। इस सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें एसआई पंकज सरोहा, एसआई प्रदीप दहिया, एसआई सुखविंदर, एएसआई सुनील, एचसी नितिन, एचसी नवाल, एचसी राज आर्यन, एचसी सुमित, एचसी परवीन बल्यान, एचसी अजय और कांस्टेबल योगेंद्र शामिल थे। टीम ने कुशल चौक पहुंचकर सतर्कता और योजनाबद्ध तरीके से माफू को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में माफू ने स्वीकार किया कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के एक गरीब परिवार से है। शिक्षा नहीं मिलने और आर्थिक तंगी के चलते वह दिल्ली आ गया था। यहां उसने कबाड़ी का काम शुरू किया, लेकिन आय पर्याप्त न होने के कारण वह गलत संगत में पड़ गया और अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। पहले वह छोटे-मोटे अपराध करता रहा और धीरे-धीरे अपने साथियों के साथ मिलकर बड़ी चोरी करने लगा।
उसका आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। वर्ष 1992 से उसके खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत एफआईआर संख्या 226/92 थाना शालीमार बाग में दर्ज हुई थी। इसके बाद 2003, 2004, 2006 और 2008 में चोरी, हथियार अधिनियम और जुआ अधिनियम के तहत कुल छह मामलों में वह आरोपी रहा है। उसकी गिरफ्तारी के समय दर्ज केस एफआईआर संख्या 138/2011 थाना स्वरूप नगर में उसके खिलाफ धारा 457, 380, 34, 174A के तहत दर्ज था।
गिरफ्तारी के बाद माफू को धारा 41.1(C) सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार कर संबंधित अदालत में पेश किया गया। पुलिस अब उसके अन्य फरार साथियों की तलाश कर रही है। इस कार्रवाई को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा घोषित अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे सघन अभियान की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।