Delhi Crime: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फर्जी दवा रैकेट का किया भंडाफोड़, मास्टरमाइंड नवीन आर्य समेत 8 गिरफ्तार
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े फर्जी दवा रैकेट का पर्दाफाश करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह पर नॉट फॉर सेल और बिना पंजीकरण वाली प्रतिबंधित दवाइयों को बाजार में अवैध रूप से बेचने का आरोप है। पुलिस ने तीन अलग-अलग स्थानों—लक्ष्मी नगर, कूद विहार और जहांगीरपुरी—में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकली और प्रतिबंधित दवाएं बरामद की हैं। इस ऑपरेशन को क्राइम ब्रांच ने दवा नियंत्रक विभाग (Drug Control Department) के साथ मिलकर अंजाम दिया। जांच में खुलासा हुआ है कि इस अवैध धंधे का मास्टरमाइंड नवीन आर्य है, जो पहले भी इसी तरह के मामलों में जेल जा चुका है और करीब तीन महीने तक सलाखों के पीछे रह चुका है।
नवीन आर्य की अगुवाई में यह गिरोह प्रतिबंधित दवाओं को ऐसे स्रोतों से प्राप्त करता था जो मेडिकल वितरण प्रणाली से बाहर होते हैं। इन दवाओं पर “नॉट फॉर सेल” का लेबल लगा होता था, जिसका मतलब है कि ये केवल अस्पतालों, सरकारी संस्थानों या अनुसंधान के लिए होती हैं, न कि आम जनता की बिक्री के लिए। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की योजना थी कि इन दवाओं को सोशल मीडिया या व्यक्तिगत नेटवर्क के माध्यम से ऐसे ग्राहकों को बेचा जाए जो सस्ते दामों पर दवाइयां खरीदने के इच्छुक होते हैं। कुछ मामलों में ग्राहक खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दवा मांगते थे, और यह गिरोह उनके संपर्क में आकर डिलीवरी करता था।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय था और फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इनकी नेटवर्किंग किन अन्य राज्यों तक फैली हुई है। जांच अधिकारी अन्य राज्यों में भी इनके संभावित संपर्कों और डिलीवरी चैनलों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह के सदस्य सामान्य दिखने वाली दुकानों या गोडामों से इन दवाओं की आपूर्ति करते थे। किसी भी मेडिकल रजिस्ट्रेशन या वैध लाइसेंस के बिना यह काम लंबे समय से किया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नकली दवाओं का यह नेटवर्क न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ भी है। इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां भी संभव हैं।


