Infostealer Malware: Infostealers: चुपचाप डेटा चुराने वाले साइबर जासूस से कैसे बचें?
रिपोर्ट, हेमंत कुमार।
आज की तेजी से डिजिटल होती दुनिया में साइबर अपराधी पहले से कहीं अधिक चालाक हो गए हैं। वे न सिर्फ हमारी आंखों से ओझल रहते हैं, बल्कि हमारे कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस से संवेदनशील जानकारी भी बिना कोई चेतावनी दिए चुरा लेते हैं। ऐसे ही एक खतरनाक साइबर खतरे का नाम है Infostealers।
Infostealers क्या होते हैं?
Infostealers एक प्रकार का मैलवेयर है जो चुपचाप आपके डिवाइस में घुसकर आपकी लॉगिन डिटेल्स, बैंकिंग जानकारी, ब्राउज़र कुकीज़, क्लिपबोर्ड डेटा, और यहां तक कि क्रिप्टो वॉलेट की फाइलें तक चुरा सकता है। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह बिना किसी अलार्म के पृष्ठभूमि में काम करता है और हमें तब तक पता नहीं चलता जब तक हमारा डेटा पहले ही चुराया जा चुका होता है।
कैसे फैलते हैं Infostealers?
इनका सबसे सामान्य रास्ता है फिशिंग ईमेल, संदिग्ध डाउनलोड्स, और खतरनाक वेबसाइट्स, जो यूज़र को लालच या धोखे से क्लिक करवाती हैं। एक बार क्लिक करते ही Infostealer आपके सिस्टम में सक्रिय हो सकता है।
Infostealers की पहचान कैसे करें?
हालांकि ये बहुत ही चुपचाप काम करते हैं, लेकिन कुछ संकेतों से इनकी पहचान की जा सकती है:
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अचानक सिस्टम स्लो हो जाना — बैकग्राउंड में मैलवेयर रन कर रहा हो सकता है।
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ब्राउज़र में अनजान एक्सटेंशन या सॉफ्टवेयर — ये अजनबी टूल्स Infostealer का हिस्सा हो सकते हैं।
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नेटवर्क गतिविधियों में तेजी — डेटा चोरी कर किसी रिमोट सर्वर पर भेजा जा रहा हो सकता है।
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लगातार लॉगिन विफलताएं — आपके क्रेडेंशियल्स कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा हो सकता है।
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संदिग्ध ईमेल्स और पॉपअप्स — फिशिंग अटैक्स का संकेत हो सकता है।
Attack की पुष्टि कैसे करें?
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किसी भरोसेमंद एंटीवायरस से स्कैन करें।
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नेटवर्क ट्रैफिक मॉनिटर करें — कोई अज्ञात सर्वर से कनेक्शन तो नहीं।
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ब्राउज़र और सिस्टम लॉग्स चेक करें — कौन-कौन सी गतिविधियाँ हो रही हैं।
Infostealers कैसे काम करते हैं?
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Infection: Email phishing, malvertising, और drive-by downloads के माध्यम से।
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Data Harvesting: Stored passwords, clipboard data और crypto wallets की जानकारी चुराना।
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Transmission: एक बार चोरी हुआ डेटा कुछ ही सेकेंड में कंट्रोल सर्वर तक पहुंचा दिया जाता है।
Infostealers से बचाव के लिए करें ये उपाय:
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Phishing-Resistant Authentication अपनाएं: जैसे FIDO सिक्योरिटी की और पासवर्ड मैनेजर का उपयोग।
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MFA (Multi-Factor Authentication) को सक्षम करें — अगर पासवर्ड चुरा भी लिया गया, तो दूसरा स्टेप सुरक्षा देगा।
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असुरक्षित लिंक व अटैचमेंट से बचें — किसी भी अनजान सोर्स से सॉफ्टवेयर डाउनलोड या मेल अटैचमेंट न खोलें।
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सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें — नई सिक्योरिटी पैच अक्सर इनसे बचाव का तरीका होते हैं।
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Endpoint Protection Tools का इस्तेमाल करें — ये एडवांस्ड टूल्स Infostealer को ब्लॉक कर सकते हैं।
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फाइनेंशियल व लॉगिन एक्टिविटी पर नजर रखें — कोई भी अजीब बदलाव तुरंत अलर्ट कर सकता है।
निष्कर्ष:
Infostealers आधुनिक डिजिटल जासूस हैं, जो बिना बताए आपकी गोपनीयता में सेंध लगा सकते हैं। इनसे सुरक्षा केवल टेक्नोलॉजी नहीं, आपकी सतर्कता और समझदारी पर भी निर्भर करती है। हर बार किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले एक बार सोचें—कहीं वह दरवाज़ा किसी हैकर के लिए तो नहीं खुल रहा?
आज का साइबर सुरक्षा मंत्र:
सोच समझकर क्लिक करें, और हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखें।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!


