Cyber Security Tips: आज का साइबर सुरक्षा संदेश: कैसे पहचानें फ्रॉड मैसेज और रहें सुरक्षित
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
आज के डिजिटल युग में मोबाइल पर मिलने वाले संदेशों के माध्यम से धोखाधड़ी (फ्रॉड) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे कई मैसेज जो दिखने में वैध और आधिकारिक लगते हैं, असल में धोखाधड़ी करने वाले लोग भेजते हैं। इसलिए हर यूजर के लिए जरूरी है कि वह इन संदेशों को सावधानी से पढ़े और पहचान सके कि कौन सा मैसेज असली है और कौन सा नकली।
धोखेबाजों के द्वारा भेजे गए फ्रॉड मैसेज अक्सर इस तरह से बनाए जाते हैं कि वे किसी भरोसेमंद स्रोत से आए हुए लगें। इनमें कभी-कभी सरकारी या कंपनी के नाम का इस्तेमाल किया जाता है ताकि यूजर प्रभावित हो और धोखा खा जाए। लेकिन भारत सरकार और TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए ‘Message Authentication’ नामक तकनीक विकसित की है, जो यूजर्स को असली और नकली संदेशों में फर्क करने में मदद करती है।
इस तकनीक के अनुसार कंपनियों और सरकारी संस्थाओं द्वारा भेजे गए संदेशों के कोड होते हैं, जो उनके प्रकार को दर्शाते हैं। उदाहरण के तौर पर:
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(S) Service Message: जैसे JD-FINABC-S
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(G) Government Message: जैसे AD-TRAING-G
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(P) Promotional Message: जैसे AM-AIRTEL-P
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(T) Transactional Message: जैसे JM-AXISBK-T
यदि संदेश में ये कोड नहीं होते, तो हो सकता है कि यह फ्रॉड मैसेज हो। उदाहरण के लिए, यदि कोई संदेश CP-VEDING जैसे बिना कोड के आता है, तो उस पर भरोसा न करें।
इस तकनीक के जरिए आप यह जांच सकते हैं कि कौन सा संदेश वैध है और कौन सा नहीं। यह कदम उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराध से बचाने और उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार ने उठाया है।
इसलिए हमेशा सावधानी रखें, किसी भी संदेश पर प्रतिक्रिया देने से पहले उसके स्रोत और कोड को ध्यान से जांचें। यदि संदेह हो तो संबंधित कंपनी या विभाग से सीधे संपर्क करें।


