Cyber Fraud: साइबर निवेश धोखाधड़ी में बढ़ोतरी: सरकारी अधिकारी से ₹7.4 करोड़ ठगी, दिल्ली से आरोपी गिरफ्तार
रिपोर्ट, हेमंत कुमार।
हाल ही में एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी (GM) को ₹7.4 करोड़ की ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी में ठगा गया। इस मामले में दिल्ली से आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल उस समस्या का सतही हिस्सा है, क्योंकि निवेश धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई लोग तब तक शिकार हो जाते हैं जब तक उन्हें नुकसान का पता चलता है, और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
साइबर अपराध विशेषज्ञों ने निवेशकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। उनकी सलाह है कि किसी भी निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल और सत्यापन अवश्य करें। इसके लिए सबसे पहले SEBI (Securities and Exchange Board of India) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यह सुनिश्चित करें कि निवेश प्लेटफ़ॉर्म या सलाहकार पंजीकृत है या नहीं।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे WhatsApp, Telegram और Instagram पर “सफल निवेशक” के रूप में पेश होने वाले लोगों से सावधान रहें। अक्सर ऐसे धोखेबाज नकली कहानियों और प्रशंसापत्र के जरिए निवेशकों का विश्वास जीतते हैं। निवेशक पारदर्शिता की मांग करें—ऑडिटेड वित्तीय दस्तावेज़, कंपनी पंजीकरण और भौतिक पता की पुष्टि करें। साथ ही, बैंकिंग लेन-देन के लिए वैध डोमेन जैसे .bank.in या .fin.in की जांच करें, क्योंकि वैध बैंक और वित्तीय संस्थान इन्हीं डोमेनों का उपयोग करेंगे।
विशेषज्ञों ने कुछ चेतावनी संकेत साझा किए हैं, जिनसे निवेशक तुरंत सतर्क हो सकते हैं। अगर कोई निवेश गारंटीड रिटर्न का दावा करता है, “सीमित समय” का दबाव डालता है, बिना रेगुलेशन वाले ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल करता है, केवल क्रिप्टो भुगतान स्वीकार करता है, या नकली प्रशंसापत्र और बॉट्स दिखाता है, तो यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी का संकेत है।
नई तकनीकें भी इस लड़ाई में मदद कर रही हैं। बैंक अब AI आधारित मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके संदिग्ध पैटर्न और असामान्य लेन-देन को पहचानते हैं। Financial Fraud Risk Indicator (FRI) जैसी टेलीकॉम प्रणाली जोखिम भरे मोबाइल नंबरों को वास्तविक समय में चिन्हित करती है। इसके अलावा, ₹10 लाख से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में स्वचालित e-Zero FIR प्रणाली के माध्यम से कानूनी कार्रवाई तेज होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक हमेशा दो बार सोचें और नकली ट्रेडिंग ऐप्स और स्कीम्स से सतर्क रहें। कोई भी योजना जो गारंटीड रिटर्न का दावा करती है, वह धोखाधड़ी हो सकती है। सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।


