इसके बावजूद भू-माफिया मानने को तैयार नहीं हैं। वे दिन में मजदूरों से काम करा रहे हैं और अपने ट्रक वहीं खड़े किए हुए हैं। गौशाला प्रबंधन की ओर से फतेहपुर बेरी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन इसके बावजूद माफियाओं की गतिविधियां जारी हैं। पुलिस की निष्क्रियता से गौशाला प्रबंधन चिंतित है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।
Delhi: दिल्ली में भू-माफियाओं का आतंक, डेरा गांव की गौशाला पर कब्जे की कोशिश

Delhi: दिल्ली में भू-माफियाओं का आतंक, डेरा गांव की गौशाला पर कब्जे की कोशिश
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
दिल्ली में भू-माफियाओं का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि वे न तो कानून की परवाह कर रहे हैं और न ही लोकलाज की। जहां उनकी नजर पड़ती है, वहां कब्जा करने के लिए हर हथकंडे अपनाने से नहीं चूकते। ताजा मामला डेरा गांव का है, जहां एक पुरानी गौशाला पर भू-माफियाओं की नजर पड़ गई है। इस गौशाला में आवारा और बीमार गायों को रखा जाता है, उनकी देखरेख की जाती है और जरूरत पड़ने पर इलाज भी कराया जाता है।
दिल्ली में आवारा पशुओं की भरमार है, जो सड़कों पर घूमते रहते हैं और कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इसी को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एमसीडी अधिकारियों को सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का निर्देश दिया था। हालांकि, सरकार और प्रशासन के पास इन पशुओं की देखरेख के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, लेकिन कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं ऐसे पशुओं की देखभाल कर रही हैं। डेरा गांव स्थित इस गौशाला में सैकड़ों गायों की सेवा की जाती है, जिनमें बीमार गायों का इलाज भी शामिल है। यह गौशाला एक व्यक्ति द्वारा स्वयंसेवी संस्था के नाम पर दी गई जमीन पर बनाई गई थी, जहां वर्षों से गोधन की सेवा हो रही है।
गौशाला के पीछे कुछ जमीन खाली थी, जहां गायों के गोबर और अन्य गंदगी को फेंका जाता था। भू-माफियाओं की नजर इस खाली पड़ी जमीन पर पड़ गई और उन्होंने रात के अंधेरे में उस पर कब्जा करने की कोशिश की। वे जेसीबी मशीन और ट्रक लेकर आए, बाउंड्री वॉल को तोड़ा और वहां वाहन खड़ा कर दिया। जब गौशाला के कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया। इसके बाद गौशाला के इंचार्ज महेंद्र कुमार अवस्थी, जो श्री सत्यनारायण सेवा संघ के उपाध्यक्ष हैं, ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को मौके पर बुलाया।
पुलिस के पहुंचने पर दोनों पक्षों से जमीन के कागजात दिखाने को कहा गया। गौशाला प्रबंधन ने अपने दस्तावेज पेश किए, लेकिन कब्जा करने वाले पक्ष की ओर से कोई दस्तावेज नहीं दिखाए गए। पुलिस ने निर्देश दिया कि दोनों पक्ष अगले दिन कागजात के साथ थाने में पेश हों और तब तक उस जमीन पर किसी भी तरह की गतिविधि न करने को कहा।
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