Aadhaar UPI Fraud: आधार-आधारित UPI सुरक्षा: PIN रीसेट धोखाधड़ी से कैसे बचें?
रिपोर्ट, हेमंत कुमार।
डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से आधार-आधारित UPI प्रमाणीकरण को लेकर कई तकनीकी और सुरक्षा चिंताएं सामने आई हैं, जो देश की साइबर सुरक्षा संरचना को चुनौती देती हैं। इसी विषय पर कटिहार, बिहार के डिप्टी एसपी श्री कन्हैया कुमार ने आज एक अहम साइबर सुरक्षा विचार साझा किया है। उन्होंने आधार के माध्यम से UPI PIN रीसेट की प्रक्रिया में मौजूद संभावित खतरों को चिह्नित किया और उनकी रोकथाम के लिए एक सशक्त रणनीति प्रस्तुत की।
सबसे पहले, उन्होंने मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण (MFA) को और अधिक सख्त बनाने की सलाह दी। उनका कहना है कि केवल आधार संख्या के पहले छह अंकों पर भरोसा करना जोखिमपूर्ण है। इसके बजाय बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण, डायनामिक और स्टैटिक प्रमाणपत्रों का संयोजन, और सुरक्षित डिवाइस से अनुरोधों को जोड़ना ज़रूरी है। डिवाइस फिंगरप्रिंटिंग और SIM-बाइंडिंग जैसी तकनीकों का उपयोग मोबाइल चोरी की स्थिति में अनधिकृत पहुंच को रोक सकता है।
दूसरी बड़ी ज़रूरत एक सुरक्षित रिकवरी प्रक्रिया की है। “आधार भूल गए” विकल्प को सुरक्षित बनाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा जांच आवश्यक है। नाम और मोबाइल नंबर से आगे बढ़कर सुरक्षा प्रश्नों या इन-ऐप वेरिफिकेशन जैसे उपाय अपनाने से डेटा की चोरी के प्रयासों को रोका जा सकता है। डायनामिक OTP का उपयोग करते हुए इसे समय और संदर्भ-संवेदनशील बनाया जाए ताकि अनधिकृत एक्सेस के बावजूद PIN रीसेट न हो सके।
इसके अलावा, UIDAI की गाइडलाइंस के साथ कड़ा एकीकरण भी ज़रूरी है। नियमित ऑडिट और अनुपालन जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी प्रक्रियाएं UIDAI की सुरक्षा नीतियों के अनुरूप हों। प्रमाणीकरण के लिए नवीनतम एन्क्रिप्शन, बायोमीट्रिक्स और सिक्योर कम्युनिकेशन चैनल्स का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए।
उपयोगकर्ता जागरूकता भी इस प्रणाली की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नागरिकों को शिक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि वे UPI PIN रीसेट के जोखिम को समझें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रिपोर्ट करें। साथ ही, मोबाइल सुरक्षा जैसे मजबूत पासवर्ड, बायोमीट्रिक लॉक, और ऐप्स को नियमित अपडेट करने की आदत को बढ़ावा देना चाहिए।
अंत में, नियामक सहयोग और उद्योग स्तर पर समन्वय को भी बल देना होगा। नियामकों को UPI PIN रीसेट की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करनी चाहिए और सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक को दूर करना चाहिए। वित्तीय संस्थाएं, भुगतान गेटवे और आधार प्राधिकरण मिलकर एक साझा और सुदृढ़ सुरक्षा ढांचा तैयार करें ताकि डिजिटल पहचान और भुगतान दोनों स्तरों पर डेटा सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


