Cyber Security India: आज का साइबर सुरक्षा विचार: डीपफेक निवेश धोखाधड़ी से बचाव
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आवाज़ और छवि का दुरुपयोग करके बनाए गए डीपफेक प्रचार वीडियो हाल ही में तेजी से वायरल हुए हैं। यह कोई साधारण धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि एक अत्यंत परिष्कृत अपराध तंत्र है, जिसमें एआई तकनीक से छेड़छाड़, नकली मीडिया ब्रांडिंग और मनोवैज्ञानिक रूप से निशाना साधना शामिल है। इन वीडियो का मकसद लोगों को नकली निवेश योजनाओं में फंसाना है।
डीपफेक निवेश धोखाधड़ी के खिलाफ उपाय
🔹 त्वरित पहचान और हटाना
एआई आधारित डीपफेक पहचान उपकरण जैसे Hive Moderation, Resemble.ai, Deepfake-O-Meter का उपयोग करके वायरल हो रहे वीडियो और छेड़छाड़ की गई मीडिया को तुरंत चिन्हित करना जरूरी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Meta, YouTube और X से समन्वय कर ऐसे वीडियो व नकली वेबसाइट्स को शीघ्र हटाया जाना चाहिए। साथ ही विज्ञापन नेटवर्क्स की निगरानी करनी होगी, ताकि नकली समर्थन वाली पेड प्रमोशन तुरंत बंद की जा सकें।
🔹 जन-जागरूकता अभियान
टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया पर हिंदी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में चेतावनी जारी की जानी चाहिए। असली वीडियो क्लिप्स के जरिये वित्त मंत्री को इस धोखाधड़ी को खारिज करते दिखाना होगा, जिससे लोगों में भरोसा बने। “भरोसा न करें” संदेश के साथ हेल्पलाइन नंबर, पोस्टर और व्हाट्सएप फॉरवर्ड तैयार किए जाने चाहिए।
🔹 डिजिटल स्वच्छता अभियान
“निवेश से पहले सत्यापन करें” संदेश को व्यापक रूप से फैलाना जरूरी है। सभी निवेश योजनाओं की पुष्टि सरकारी पोर्टल PIB Fact Check पर करनी चाहिए। “गारंटीड डेली इनकम” या “एआई आधारित ऑटोमैटिक रिटर्न” जैसी योजनाओं से सावधान रहना आवश्यक है।
🔹 कानूनी और प्रवर्तन कार्रवाई
ऐसे मामलों में IPC की धाराओं 419/420 और आईटी एक्ट की धाराओं 66D/67A के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। साथ ही UPI, क्रिप्टो वॉलेट्स और म्यूल अकाउंट्स के जरिए धन के प्रवाह को ट्रैक करना होगा। CERT-In और RBI को मिलकर नकली वित्तीय प्लेटफॉर्म्स की पहचान करनी चाहिए और उनके खातों को फ्रीज़ करना चाहिए।
🔹 सामुदायिक निगरानी और रिपोर्टिंग
नागरिकों को संदिग्ध सामग्री तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। इसके लिए https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। स्थानीय RWA और सामुदायिक नेताओं को प्रशिक्षित करना जरूरी है ताकि वे डीपफेक वीडियो की पहचान कर सकें और समय रहते चेतावनी दे सकें।


